कर्म, भाग्य और ज्योतिष
जीवन में पुरूषार्थ और भाग्य दोनों का ही अलग-अलग महत्व है। ये ठीक है कि पुरूषार्थ की भूमिका भाग्य से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है लेकिन इससे भाग्य का महत्व किसी भी तरह से कम...
जीवन में पुरूषार्थ और भाग्य दोनों का ही अलग-अलग महत्व है। ये ठीक है कि पुरूषार्थ की भूमिका भाग्य से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है लेकिन इससे भाग्य का महत्व किसी भी तरह से कम...
सर्वप्रथम जातक के बचपन से ही उसकी कुण्डली विषय की पढाई व केरियर चयन में सहायक होती हैं । जातक की कुण्डली से तय करना चाहिए कि वह नौकरी करेगा या व्यवसाय । जातक...
आकाशवाणी / एस्ट्रो लेख / कष्ट-निवारण / ग्रह
by aakashvaani · Published 10/07/2019 · Last modified 30/07/2019
जब शनि लग्न में गोचर कर रहे हों तो उनके दृष्टि क्षेत्र में तीसरा भाव प्रभावित हो जता है। तीसरे भाव छोटे भाई-बहिन, पराक्रम व छोटी यात्रा का होता हैं। तीसरे भाव का दिशाक्रम...
जन्म कुंडली के बारह भावों मे जन्म के समय शनि अपनी गति जन्म कुंडली के बारह भावों मे जन्म के समय शनि अपनी गति और जातक को दिये जाने वाले फ़लों के प्रति भावानुसार...
सभी ग्रह जिस स्थान पर बैठे हों, उससे सातवें स्थान को देखते हैं। शनि तीसरे व दसवें, गुरु नवम व पंचम तथा मंगल चतुर्थ व अष्टम स्थान को विशेष देखते हैं। कोई भी ग्रह...
मंत्र जाप में शुद्ध शब्दों के बोलने का विशेष ध्यान रखें, जिन अक्षरों से शब्द बनते हैं। उनके उच्चारण स्थान पांच है जो पंचतत्व से संबंधित है। होठ पृथ्वी तत्व जीभ जल तत्व दांत...
अगर है तो आप भी अपने घर के वास्तु दोषों को दूर कर अपने घर वातावरण मंगलमय बना सकते हैं| प्रस्तुत है कुछ प्रबल वास्तु दोष नाशक आजमाये हुए प्रयोग जिनका प्रयोग करके आप...
जन्म के पाया के बारे में जानना – पाया का विचार दो प्रकार से किया जाता है नक्षत्र से तथा चंद्रमा से ज्योतिष् शास्त्र में जन्म समयानुसार बालक का चार पायो में जन्म होता...
रवि पुष्य योग में इन कार्यों को करना माना जाता है बेहद शुभ रवि पुष्य योग समस्त शुभ और मांगलिक कार्यों के शुभारंभ के लिए उत्तम माना गया है। यदि ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल...
आज हम आपको बतायेगें कि शनि महाराज को प्रसन्न करने के लिये क्या करें और क्या न करें? शनिवार के दिन यह दस चीजें ना लाएं घर में!!!!! किसी भी वस्तु के उपयोग या...
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